मिन भी सुणि
मिन भी सुणि गाड़ी मा बेठि योक नोनि कु फोन बाजि पंजाबी गाना का कुछ बोल, अब वींकि आँखि टपराण बेठि कनके उठों फोन। एक बार आयि द्वि बार आयि। तिसरी बार आयि त वीन भि हिम्मत करी ते उठेलि अर- हैलो मम्मी गुड मोर्निंग भि ब्वोलि। अब थोड़ा रुकि तैं एक हाथ मा मुबैल अर दुसरु हाथ गिचा पर लगै कि मुंड फरके के धीमा स्वर मा बात कन बेठि इथ्या धीमा कि बगल पर बेठि बोडि भि वींकि छवीं नि सूण सकि पर एक बात म्येरा कनोड़ तक पोंछि कि - "ऐ जोलु"। अब " ए जोलु " त समझ नि आयि पर एक बात समझ मा ऐगि कि हम गढ़वालि , गढ़वालि लोगों का सामाणि गढ़वालि लोगों दगड़ि , गढ़वालि बत्योण मा सरमाणा छिन । वा नोनि त "भैय्या गाड़ी रोक देना " बोलि के चलि पर बहुत सा सवाल म्येरा सामणि छोड़ि कि जे। मि आज व्यंग वूं लोगों पर कन चाणु जु अपरी संस्कृति छोड़ी तैं पाश्चात्य सभ्यता की ओर मुड़या या हम ब्वोल सकदा कि पाश्चात्य सभ्यता की ओर *भ्योल पड्या* । वन त हमारू देश कयी धर्मों कु संगम स्थली चि, और मिते भी ये बातो गर्व चि । और हमतै भि हर एक धर्म कु सम्मान कन चेन । आज कि ही बात करुं त म्येरा सभी दगड्यों अर रि...