बस यूँही घूमते - घूमते

     बस यूँही घूमते - घूमते 

 वा इंसान स्वान के साथ स्वांग

आज सुबह मैं यूँही प्रतिदिन की तरह सुबह सुबह साइकिलिंग के लिए निकला तो सामना हुआ आवारा कुत्तों  के झुण्ड से उन्होंने भौंक भौंक और पीछे दौड़ कर साइकिलिंग का मजा बड़ा दिया या बिगाड़ दिया बोलो फर्क नहीं पड़ता। 
 आज कल एक अजीब सा ट्रेण्ड देखने को  मिलता है , वो शहरों में भी ज्यादा दिखता लेकिन उसकी काया हमारे ग्रामीण जीवन पर भी हावी हुई है, अच्छा  है; वो ट्रेंड है सुबह शाम कुत्ते को घुमाने को ले जाना , कम से कम इस बहाने इंसानो का जानवरों  के प्रति प्यार तो बड़ा और अच्छी खासी वॉक भी हो जाती। लगता है सोसाइटी में कुत्तों के भी अच्छे दिन आ रहे है। 
 फिर अभी जानवरो के प्रति महोब्बत को देख कर मेरी नजर मुख्य मुद्दे से तो भाग गयी , खैर कोई नहीं फिर मुझे ख्याल आया वो सुबह कुत्ते का झुण्ड आया कहा  से, कौन छोड़ के गया  इस तरह के खूंखार हृदयगति रुकाने वाले जनवरो को यहाँ।  पता चला की इन में से कुछ कुत्ते पहले अपने मालिक के वफादार हुआ करते थे लेकिन आज उनको घर से बेघर कर दिया, सुनने में तो ये भी आया कुछ ने तो नए बच्चो को जन्म देने के बाद उनकी माँ को भी छोड़ दिया।  वा इंसान स्वान के साथ स्वांग, लेकिन इंसान ने घर से निकला तो क्या हुआ पशु है यार बाहर ही अपना नया आशियाना बना डाला नए बच्चों को जन्म दिया और आज वही बच्चे और उनका परिवार मेरे साइकिल के पैड़ल को मजबूर कर रहे भागने को, युवा हूँ हृदयगति नहीं रुकी लेकिन घबराता हु उन लोगो का क्या होगा जो वाक पर  जाते ये समझ के की सुबह की हवा ले कर मन को शांत करेंगे , कही ये आवारा कुत्ते उन पर न झपटे।
अभी दो तीन महीने पहले अख़बार पढ़ रहा था सहरानपुर की वो दिल को चीर चीर करने वाली घटना याद आयी किस तरीके से इन खूंखार आवारा कुत्तों ने किसी के घरोंदे चिराग को बुझाया , दो मासूम दो - तीन माह के शिशुओं को अपना निवाला बनाया, सपने तोड़े किसी माँ के ,किलकारियां ढक दी किसी  मासूम की,  ये दृश्य सुन कर दिल  अजीब सी झनझनाहट होती। 
लेकिन बात यही ख़त्म नहीं होती अब यही से शुरू होता  मुख्य  जन चेतना ,सामाजिक कल्याण, की आखिर क्यों ये लोग इन कुत्तों को  ऐसे छोड़ लेते की ये खूंखार बने और किसी अनहोनी को न्योता दे। भलाई तो यही हे पशु प्रेम एवं पशुओ को पालना सबसे बड़ा धर्म है।  लेकिन इन बेजुबान प्राणियों को इस तरह खुला न छोड़े कि ये किसी को नुकशान पहुँचाये  क्योंकि आप की शान और शौक़त किसी के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर सकती।



 --लिखना तो आता नहीं बस लिखने की कोशिश कारता हूँ

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